मुम्बई। महान बल्लेबाज गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे करने वाले पहले बल्लेबाज हैं। वह विश्व के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में शामिल रहे हैं। इसके बाद भी गावस्कर अभी भी भारतीय टीम के कोच नहीं रहे हैं। अब इस पूर्व कप्तान ने स्वयं कोच न बनने के कारणों का खुलासा किया है। गावस्कर ने कहा कि मैं अपने को कोच के तौर पर फिट नहीं पाता हूं क्योंकि कोच या चयनकर्ता बनने के लिए आपको हर गेंद देखनी पड़ती है और मेरे अंदर इतना संयम नहीं है। मैं लगातार देखने की जगह टुकड़ों में मैच देखता हूं। उन्होंने कहा कि जब मैं खेल रहा था और आउट होने के बाद पवेलियन लौटता था। फिर भी लगातार मैच नहीं देखता था। कुछ देर मैच देखने के बाद मैं चेंज रूम में चला जाता था और या तो किताब पढ़ता था या पत्रों का जवाब देता था। मैं कभी भी गेंद-दर-गेंद मैच देखने में रुचि नहीं रखता था।
गावस्कर कोचिंग से दूर रहे पर इसके बाद भी कठिन दौर में वह क्रिकेटरों को सलाह देते आये हैं। यहां तक कि सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ भी अपने करियर के समय मुश्किल दौर में गावस्कर से सलाह लेते थे। सचिन और द्रविड़ ने तो कई बार इस बारे में कहा है। इसपर गावस्कर ने कहा कि हां, ये बात सही है कि पुराने टीम इंडिया के खिलाड़ी मेरे पास आते थे। खासतौर पर सचिन, द्रविड़, गांगुली, लक्षमण और सहवाग जैसे खिलाडि़यों ने कई बार मुझसे बात की। मुझे उनसे खेल के बारे में बात करना काफी अच्छा लगता था। उनके खेल को लेकर मेरी जो भी राय होती थी, मैं उन्हें बताता था।
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