विश्व के कोने कोने में कोरोना ने जिस तरीके से तांडव किया, उससे आज सभी भलिभांति परिचित है। करोड़ो लोग इस संक्रमण के प्रतिकूल प्रभाव से काल के गाल में चले गये। घर के घर साफ हो गये। कई चर्चित चेहरों को हमने खो दिया। व पैसा काम आया, न ताकत। इससे बचाव करने की प्रक्रिया में कई बचाव करने वाले ही इसका शिकार हो गये। हमारा देश भी इस तरह के परिवेश से अछूता नहीं रहा। कोरोना के पहले चरण को रोकने के लिये कई कठोर कदम उठाये गये। चलती फिरती जिंदगी थम गई। लोगों की रोजी रोटी छिन गई। लोग इसके शिकार होते गये और हम खैफनाक दृश्य आंखों से देखते रह गये। अंततः कोरोना से बचाव की गाइड लाइन का पालन करते हुए इस पर विजय पा ली। कोरोना के पांव एक बार थम गये। सभी ने राहत की सांस ली। एक बार फिर से थमी जिंदगी पटरी पर चल पड़ी। इसके बदले में हमने बहुत कुछ त्याग किया। पर्व त्योहार मनाना छोड़ दिया। एक दूसरे से मिलना जुलना बंद कर दिया। कोरोना फैलने वाले माध्यमों से अपने को अलग कर लिया जिसका परिणाम अच्छा निकला।
एक बार लगा कि कोरोना जड़ से खत्म हो गया और हम फिर से असावधान हो गये। जिसका परिणाम सामने तत्काल आ गया। कोरोना दूसरे चरण में पहले से भी तेज गति से प्रवेश कर गया। इस दौर में पहले से कई गुणा ज्यादा लोग इसके शिकार हुए एवं काल के गाल में समाते चले गये। श्रमशान पर लाशें बिछ गई। इस दौरान आक्सीजन की कमी से भी कई मौत हो गई। जब कि कोरोना से बचाव के लिये इस चरण से पूर्व ही देश में टीकाकरण शुरू हो गया। सबसे पहले कोरोना से बचाव करने के मार्ग में खड़े चिकित्सक, सेवाकर्मी, पुलिस सहित उन सभी को टीका लगाया गया जो फ्रंट लाइन में लगातार अपनी सेवाएं कोरोना से लोगों को बचाने में दे रहे थे। दूसरे चरण में वृद्ध जनो को टीका लगाया गया एव तीसरे चरण में बच्चों को छोड़ देश के युवा वर्ग से लेकर हर उम्र के लोगों को टीका लगाने का कार्यक्रम जारी है। इस प्रक्रिया में कुछ लोगों को टीका लगने के बाद भी कोरोना हो गया, अधिकांश तो ठीक हो गये पर कुछ काल के शिकार हो गये। इस तरह के परिवेश ने आम लोगों के मन में टीका के प्रति भय पैदा कर दिया जिससे लोग टीका लगाने से दूर भागने लगे। इस प्रक्रिया में उनको और डराने के क्रम में अलग – अलग सोशल मीडिया पर टीका के खिलाफ आ रही भ्रामक न्यूज भी अपना करतब दिखा गई। टीका के बारे सोशल मीडिया में अनेक तरह के भ्रामक समाचार आने लगे। टीका जल्दी आ गया, इस पर भी प्रश्न होने लगे। जब कि देश के वैज्ञानिक, वरिष्ठ चिकित्सक बार बार इस टीके को सही एवं उपयोगी बताने में लगे हुये है। इस बारे में बार-बार उनके द्वारा कहा जा रहा कि टीका लगाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं है। विश्ेाष परिस्थिति में हल्का बुखार, शरीर में दर्द होने की संभावना हो सकती है जो पैरामिशटोल के एकाध डोज से ठीक हो सकता है। टीका लेने के बाद यदि किसी को कोरोना हो भी गया तो वो आसानी से घर में ही इलाज लेकर चल सकता है। उसे कोरोना के चलते गंभीर स्थिति पैदा होने की संभावना बहुत कम ही रहती।
केरोना से बचाव का एकमात्र उपाय टीकाकरण ही है। इस बात को आम लोगों को समझना एवं भ्रामक न्यूज से दूर रहना बहुत जरूरी है। कोरोना का आगामी चरण अब न हो प्रभावी हो, इसके लिये जरूरी है कि कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए टीकाकरण प्रक्रिया को देशभर में सफल बनायें एवं बिना भय के टीका लगायें। सरकार भी गैर राजनीतिक रूप से आमजन को सुलभ टीका उपलब्ध कराने की कोशिश करें। कोरोना से बचाव का टीका के अलावे और कोई विकल्प नहीं है।
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