December 23, 2024

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संक्रमण के बीच अपनी मांगों पर अड़े किसान

संक्रमण के बीच अपनी मांगों पर अड़े किसान

संक्रमण के बीच अपनी मांगों पर अड़े किसान

New Delhi : भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर बीमारी बड़ी है तो कानून वापस ले लेना चाहिए। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने नवंबर के आखिरी सप्ताह से मोर्चा खोला हुआ है। किसान संगठनों की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाए। किसानों का यह आंदोलन कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच में भी जारी है। किसान नेता राकेश टिकैत ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा कि अगर बीमारी बड़ी है तो कानून वापस ले लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि किसान क्यों हैं यहां ? किसान यहां शांति से बैठे हैं, ये जाएंगे नहीं। बातचीत से इसका हल निकालें। हम शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं सरकार हमारी बात सुने।

इससे पहले किसान नेता ने ट्वीट किया कि कृषि के तीनों काले कानून फांसी का फंदा साबित होंगे किसानों के लिए, जब तक कानून रद्द नहीं होते आंदोलन जारी रहेगा। जबकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया था कि वह कृषि कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार है। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है जो अभी तक बेनतीजा रही है।

संक्रमण के बीच आंदोलन जारी
देश कोरोना की दूसरी लहर की मार झेल रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। हालांकि अब संक्रमण के मामलों में धीरे-धीरे कमी आ रही है। लेकिन फिर भी किसान संगठनों का आंदोलन जारी है और उन्होंने साफ किया है कि जब तक बिल वापस नहीं होगा वो लोग घर नहीं जाएंगे।

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