प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बहरिया ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय छाता में तैनात प्राथिमिक शिक्षक नंदलाल राम का पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से संक्रमित होने की वजह से निधन हो गया। इस समय उनका परिवार अनुग्रह राशि और अन्य मदद के लिए जद्दोजहद कर रहा है। मदद की बात तो दूर, अफसरों ने शनिवार को होने वाले पंचायत उपचुनाव में दिवंगत नंदलाल राम की ड्यूटी लगा दी। निधन के बाद ड्यूटी लगाए जाने का आदेश मिलने पर परिजन हैरानी में पड़ गए।
नंदलाल की पत्नी आशा ने बताया कि पंचायत चुनाव के दौरान उनके पति को कोविड हुआ, लेकिन बीमारी के बावजूद उनकी ड्यूटी कोविड कंट्रोल रूम में लगा दी गई। वहां अफसरों ने दौरा किया और अनुपस्थित पाए जाने पर पति का वेतन रोक दिया गया। जैसे-तैसे वेतन बहाल हुआ, लेकिन उसके बाद पति का निधन हो गया। अब निधन के बाद 12 जून को पंचायत उपचुनाव में उनकी ड्यूटी का आदेश आ गया है।
नंदलाल के अलावा बहरिया ब्लॉक के ही एक और शिक्षक प्रेम शंकर मिश्र का निधन भी पंचायत चुनाव के बाद कोविड से हो गया था। वह पूर्व माध्यमिक विद्यालय आदमपुर में तैनात थे। मृत्यु के कुछ दिन बाद अप्रैल में उनकी उपचुनाव में ड्यूटी लगा दी गई थी। उनकी पत्नी संध्या मिश्रा कहती हैं कि मृत्यु के कुछ दिन बाद सैदाबाद, कौशाम्बी में ड्यूटी का आदेश हुआ था।
अनुग्रह राशि के बारे में वह बताती हैं कि सब कागजात जमा कर दिए हैं, अभी मिला कुछ नहीं है। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि यह अफसरों की संवेदनहीनता है। मृत्यु के बाद वेतन तो तुरंत रोक दिया जाता है, लेकिन चुनाव ड्यूटी लगा दी जाती है। उप चुनाव के लिए नए सिरे से शिक्षकों के नाम शिक्षा विभाग से मांगने की जगह आयोग पुरानी लिस्ट से ड्यूटी लगा रहा है। इससे शिक्षकों के परिवार को कष्ट होता है और सरकारी तंत्र की फजीहत भी होती है।
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